पत्थर, धातु और मिट्टी की मूर्तियों का निर्माण भी महत्त्वपूर्ण उद्योग रहे होंगे. मनके बनाने वालों की दुकानों और कारखानों के विषय में चन्हुदड़ो और लोथल के उत्खननों से जानकारी प्राप्त होती है. मुद्राओं को निर्मित करने वालों का एक भिन्न वर्ग रहा होगा.
कुछ लोग हाथीदांत से विभिन्न चीजों के निर्माण का काम किया करते थे. गुजरात क्षेत्र में उस काल में काफी संख्या में हाथी रहे होंगे और इसलिए इस क्षेत्र में हाथी दांत सुलभ रहा होगा.